Today April 29 2015 is International Dance Day
विलास सारंग, 'अमर्याद आहे बुद्ध', 2011, पृष्ठ 85:
"....अशा तऱ्हेने आम्रपाली स्वतःचे नाक, कान, भिवया, दात, हात अगदी स्तनही वर्णन करते:
'पहले कभी मेरे स्तन जीन (पुष्ट) एवं वर्तुल (गोल) होने के कारण अतिसुन्दर दिखते थे। आज वेणा दुर्बल एवं नीचे तक लटक गये है।' …"
Art from the ACK title 'Amrapali' by C.M. Vitankar
I have not seen more sensuous dance in a Hindi film than the one by Vaijayantimala in Lekh Tandon's Amrapali, 1966.
When I first read the late Mr. Sarang's book, quoted above, I felt Amrapali was not just describing her own breasts- 'मेरे स्तन जीन (पुष्ट) एवं वर्तुल (गोल) होने के कारण अतिसुन्दर दिखते थे'- but also of Ms. Bali's.
courtesy: Ultra, India
विलास सारंग, 'अमर्याद आहे बुद्ध', 2011, पृष्ठ 85:
"....अशा तऱ्हेने आम्रपाली स्वतःचे नाक, कान, भिवया, दात, हात अगदी स्तनही वर्णन करते:
'पहले कभी मेरे स्तन जीन (पुष्ट) एवं वर्तुल (गोल) होने के कारण अतिसुन्दर दिखते थे। आज वेणा दुर्बल एवं नीचे तक लटक गये है।' …"
Art from the ACK title 'Amrapali' by C.M. Vitankar
I have not seen more sensuous dance in a Hindi film than the one by Vaijayantimala in Lekh Tandon's Amrapali, 1966.
When I first read the late Mr. Sarang's book, quoted above, I felt Amrapali was not just describing her own breasts- 'मेरे स्तन जीन (पुष्ट) एवं वर्तुल (गोल) होने के कारण अतिसुन्दर दिखते थे'- but also of Ms. Bali's.
courtesy: Ultra, India