गीतकार: भरत व्यास, संगीत: सतीश भाटिया, बूँद जो बन गयी मोती, १९६७
"हरी हरी वसुंधरा पे नीला नीला ये गगननीला नीला ये गगनहरी हरी वसुंधरा पे नीला नीला ये गगन ह्म ह्मके जिसपे बादलो की पालकी उड़ा रहा पवन ह्म ह्मदिशाये देखो रंगभरीदिशाये देखो रंगभरी चमक रही उमंग भारीये किस ने फूल फूल पेये किस ने फूल फूल पे किया सिंगर हैये कौन चित्रकार है ये कौन चित्रकारये कौन चित्रकार है
ये कौन चित्रकार है ये कौन चित्रकार
तपसियो सी है अटल ये पर्वतो की चोटियाये सर्प सी घूमेरदार, घेरदार घाटियाध्वजा से ये खड़े हुएध्वजा से ये खड़े हुए है वृकश देवदार केगाळीचे ये गुलाब के, बगीचे ये बाहर केये किस कवि की कल्पना
"ये किस कवि की कल्पना का चमत्कार हैये कौन चित्रकार है ये कौन चित्रकारये कौन चित्रकार है
ये कौन चित्रकार है ये कौन चित्रकार
कुदरत की इस पवित्रता को तुम निहार लो हा हा हाइसके गुनो को अपने मन मे तुम उतार लो हा हा हाचमका लो आज लालिमाचमका लो आज लालिमा अपने ललाट कीकण कण से झाँकती तुम्हे छबि विराट कीअपनी तो आँख एक है, अपनी तो आँख एक है, उस की हज़ार हैये कौन चित्रकार है ये कौन चित्रकारये कौन चित्रकार है
ये कौन चित्रकार है ये कौन चित्रकारये कौन चित्रकार है ये कौन चित्रकार"
artist; Harry Bliss